भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था : अनुसूचियां

 

  1.  परिचय

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ लिखित


 संविधान है भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ 26 नवंबर को संविधान दिवस तथा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है

26 नवंबर को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ इस संविधान को मूल संविधान कहा जाता है मूल संविधान में 22 भाग 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां थी वर्तमान समय में इन अनुसूचियों की संख्या को बढ़ाकर 12 कर दिया गया है जानते हैं संविधान की अनुसूचियां के बारे में

प्रथम अनुसूची

संघ तथा राज्य क्षेत्र का वर्णन

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 से 4 तक भारत के 28 राज्य व 8 केंद्र शासित प्रदेशों का वर्णन किया गया है जिसमें भारत को राज्यों का संघ कहा गया है यहां ध्यान रखने योग्य विषय यह है कि फेडरल शब्द के स्थान पर यूनियन ऑफ स्टेट्स का प्रयोग किया गया है

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 से पूर्व भारत में 29 राज्य व 8 केंद्र शासित प्रदेश थे लेकिन 2019 में जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया तथा लद्दाख को इससे अलग कर दिया गया और 1 केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया 26 जनवरी 2020 के बाद दादर और नागर हवेली और दमन एवं दीव को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया इस प्रकार वर्तमान समय में भारत में 28 राज्य व 8 केंद्र शासित प्रदेश है         

 द्वितीय अनुसूची

पदाधिकारियों के वेतन भत्ते

इससे अनुसूची में भारत के राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति राज्यपाल लोकसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष राज्यसभा सभापति उपसभापति राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्ष उपाध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के वेतन संबंधी प्रावधान

तृतीय अनुसूची

पदाधिकारियों की शपथ

इस अनुसूची में राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति संसद सदस्य विधान सभाओं के सदस्य विभिन्न मंत्रियों न्यायालय के न्यायाधीशों नियंत्रक एवं महालेखा अधिकारी के शपथ संबंधी प्रावधान

चौथी अनुसूची

राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी जनसंख्या के आधार पर राज्यसभा में सीटों का आवंटन

भारत में राज्यों को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है और यह प्रतिनिधित्व जनसंख्या के आधार पर प्रदान किया गया है अमेरिका में प्रत्येक राज्य से 2 सदस्य चुनकर  उच्च सदन में जाते हैं 

जनसंख्या के आधार पर भारत में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश के 30 सदस्य तथा राजस्थान के 10 सदस्य निर्वाचित होते हैं

पांचवी अनुसूची

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन संबंधी प्रावधान

Note - असम मेघालय त्रिपुरा मिजोरम को छोड़कर

छठी अनुसूची

असम मेघालय त्रिपुरा और मिजोरम के जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन 

Short Tricks - अ मी में त्रि

सातवीं अनुसूची

केंद्र तथा राज्य में शक्तियों का विभाजन अनुच्छेद 246

1 संघ सूची   

इसमें राष्ट्रीय महत्व के विषयों को शामिल किया गया है जिन पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है इस सूची में वर्तमान समय में 97 विषय शामिल हैं जैसे रक्षा नागरिकता जनगणना डाक तार विभाग परमाणु ऊर्जा

2 राज्य सूची

इस सूची के विषय पर राज्य सरकारों को कानून बनाने का अधिकार दिया गया है तथा 66 विषयों को शामिल किया गया था लेकिन पांच विषय हटाकर समवर्ती सूची में शामिल किए जाने के कारण वर्तमान में इनकी संख्या 61 रह गई है जैसे स्थानीय शासन पुलिस कारागार कानून व्यवस्था


3 समवर्ती सूची

इस सूची में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के पास कानून बनाने का अधिकार है विवाद की स्थिति में केंद्र द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होगा मूल रूप से 47 विषय शामिल थे लेकिन राज्य सूची से हटाए गए पांच विषयों को शामिल किए जाने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 52 हो गई है जैसे वन विवाह सामाजिक व आर्थिक योजनाएं

नोट  अवशिष्ट शक्तियां

अनुच्छेद 248 के तहत इन शक्तियों को कनाडा के संविधान से लिया गया है इसमें ऐसे विषयों को शामिल किया गया है जो तीनों अनुसूची में शामिल नहीं है तथा इन पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है जैसे साइबर अंतरिक्ष

आठवीं अनुसूची

इस अनुसूची में मूल रूप से 14 भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई थी लेकिन वर्तमान समय में इनकी संख्या बढ़कर 22 हो गई है 2003 में 4 नई भाषाएं डोंगरी मैथिली संथाल व बोडो जोड़ी गई 

अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को राष्ट्रीय भाषा व लिपि को देवनागरी के रूप में मान्यता प्रदान की गई है

नौवीं अनुसूची

प्रथम संविधान संशोधन 1951 द्वारा इस अनुसूची को जोड़ा गया जिसमें भूमि सुधार संबंधी कानून शामिल किए गए हैं

इस सूची में शामिल कानूनों को न्यायालय द्वारा परिवर्तित नहीं किया जा सकता था लेकिन 2007 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार 24 अप्रैल 1973 के बाद शामिल किए गए कानूनों की समीक्षा की जा सकती है

दसवीं अनुसूची

52 वें संविधान संशोधन 1985 के तहत इस अनुसूची को जोड़ा गया जिसमें दल बदल संबंधी कानूनों का प्रावधान किया गया है तथा इस पर नियंत्रण लागू किया गया है 

ग्यारहवीं अनुसूची

73 वा संविधान संशोधन 1992 के तहत इस अनुसूची को जोड़ा गया जिसके अंतर्गत पंचायतों को संवैधानिक मान्यता प्रदान की गई तथा संविधान में एक नया भाग भाग 9 जोड़ा गया इसके तहत अनुच्छेद 243 A - O जोड़े गए

इसके अंतर्गत 29 विषय शामिल किए गए

 बारहवीं अनुसूची

74 वा संविधान संशोधन 1992 के तहत इस अनुसूची को जोड़ा गया जिसमें शहरी संस्थाओं को मान्यता प्रदान की गई तथा संविधान में भाग 9 के जोड़ा गया अनुच्छेद 243 P - ZG शामिल किए गए

इसके अंतर्गत 18 विषय शामिल किए गए








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